PM Modi Bhutan visit: भारत और भूटान के बीच संबंधों को नया पहचान देगी यह यात्रा

PM Narendra Modi भूटान दौरे पर हैं. जहां भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने गले लगाकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। PM Modi का यह दौरा 23 मार्च तक चलेगा जिसमें द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. भूटान और भारत के बीच रिश्ते हमेशा अच्छे रहे हैं, PM Modi का दौरा इन रिश्तों को नया आयाम दे सकता है. छोटा देश होने के बावजूद भूटान की अपनी एक अलग पहचान है। भूटान अपनी प्रगति GDP (सकल घरेलू उत्पाद) से नहीं बल्कि GNH (सकल राष्ट्रीय खुशहाली) से हासिल करता है। इसी वजह से भूटान खुशहाली सूचकांक में भारत जैसे कई बड़े देशों से कहीं आगे है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, GDP में पिछड़े होने के बावजूद ज्यादातर भूटानी लोग अपनी जिंदगी से खुश हैं। भूटान की आधी से अधिक आबादी कृषि और जलविद्युत में शामिल है। करीब 8 लाख की आबादी वाला यह देश हरे-भरे जंगलों, पहाड़ों और खूबसूरत नजारों से घिरा हुआ है। जिसके कारण इसकी आय का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन से भी आता है। लेकिन भूटान सरकार को कमाई से ज्यादा संस्कृति और पर्यावरण से प्यार है, इसीलिए यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या सीमित है। इतना ही नहीं, एक समय ऐसा भी था जब भूटान ने बाहरी लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया था। साल 1970 में भूटान ने विदेशियों को आने की इजाजत दे दी थी.

इसके अलावा और भी कई चीजें हैं जो भूटान को दुनिया से अलग बनाती हैं।

TV और इंटरनेट के बिना देश

1999 तक, भूटान में आधिकारिक तौर पर कोई सैटेलाइट टीवी, कोई इंटरनेट और कोई टेलीविजन स्टेशन नहीं था। 1989 में भूटान सरकार ने देश की संस्कृति को बचाने के नाम पर इन सब पर प्रतिबंध लगा दिया था। भूटानी विदेश मंत्री ने 1990 में वाशिंगटन पोस्ट को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, “हम अपने देश को आधुनिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं, न कि इसका पश्चिमीकरण करने की।” 1990 के दशक तक, भूटान के लोगों के लिए रेडियो बाहरी दुनिया से जुड़ने का एकमात्र स्रोत था। लेकिन समय के साथ भूटान ने भी अपनी नीतियों में बदलाव किया और साल 1999 में भूटान के राजा जिग्मे दोर्जे वांगचुक ने देश में टीवी को “साइबर युग का प्रकाश” बताते हुए हरी झंडी दे दी.

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भारत भूटान संबंध कैसे हैं?

भारत और भूटान के बीच 1968 से राजनयिक संबंध हैं। भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है, भारत और भूटान के नेताओं के बीच पहले भी यात्राएं होती रही हैं। साल 2013 में भूटान के राजा गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बनकर भारत आए थे. इसके अलावा भारत 1961 से भूटान को उसकी 5 साल की योजना में मदद कर रहा है।

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