सुप्रीम कोर्ट ने Baba Ramdev और Balkrishna को एलोपैथिक दवा प्रभाव मामले में बुलाया है। आज इस मामले की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी स्थिति अपनाई और Baba Ramdev से पूछा कि न्यायालय के अधीन अवमानना के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि प्राइमा फेसी दोनों ने कानून का उल्लंघन किया है। इस मामले में अगली सुनवाई अब दो हफ्तों बाद होगी।
पिछली सुनवाई में, अदालत ने पतंजलि और आचार्य बालकृष्ण को शो कॉज नोटिस जारी किया था कि उन पर अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं ली जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि पतंजलि के खिलाफ किये गए विज्ञापन के बारे में कोर्ट को क्या उपाय किए गए हैं। जिसमें ये दावा किया गया था कि डायबिटीज, बीपी, थायरॉयड, दमा, ग्लौकोमा और गठिया आदि जैसी बीमारियों से “स्थायी राहत, उपचार और समाप्ति” का वादा किया गया था।
बेंच ने केंद्र से पूछा था कि यह क्या कार्रवाई की गई है कि पतंजलि आयुर्वेद ने अपने विज्ञापनों में विभिन्न बीमारियों के इलाज में अपनी दवाओं की प्रभावकारिता के बारे में झूठे और भ्रामक दावे किए। फरवरी में हुई सुनवाई के दौरान, अपेक्षा ने पतंजलि आयुर्वेद को बीमारियों के उपचार के लिए अपने उत्पादों का विज्ञापन करने से रोक दिया था, कहते हुए कि “पूरे देश को धोखा दिया गया है।”
अदालत ने पहले ही आपत्ति जाहिर की है।
आपको बताएं कि 29 नवंबर 2023 को, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय मेडिकल एसोसिएशन के याचिका पर पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों पर कड़ाई दिखाई थी। पतंजलि और Ramdev के बारे में एलोपैथी और इसकी दवाओं और टीकाकरण के विज्ञापनों के खिलाफ भारतीय मेडिकल एसोसिएशन की याचिका की सुनवाई में, न्यायाधीश अहसनुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की एक बेंच ने पतंजलि को एलोपैथी के बारे में भ्रामक दावों और विज्ञापनों को प्रकाशित करने का आरोप लगाया था। पतंजलि को इसके लिए डांटा गया था।