पश्चिम बंगाल में करीब 26 हजार शिक्षकों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को Mamata Banerjee ने अवैध करार दिया है. उन्होंने कहा है कि कोर्ट के फैसले को चुनौती दी जायेगी.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2016 में पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती परीक्षा के माध्यम से की गई सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। इस मामले में राज्य की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee का कहना है कि हाई कोर्ट का आदेश अवैध है और इस फैसले को चुनौती दी जाएगी।
Mamata Banerjee ने कहा- हाई कोर्ट का फैसला गैरकानूनी
Mamata Banerjee ने हाई कोर्ट के फैसले को अवैध बताया और कहा कि हम उन लोगों के साथ खड़े हैं जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है. साथ ही उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी जाएगी.
BJP पर साधा निशाना
रायगंज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री Mamata Banerjee ने भारतीय जनता पार्टी पर सत्तारूढ़ दल द्वारा न्यायपालिका के फैसलों को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। Mamata Banerjee ने आगे कहा कि BJP को पहले चरण के मतदान में हार का एहसास हो गया है और इस वजह से पार्टी के नेता घबरा गए हैं. उन्होंने संदेशखाली के मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी की पूर्व निर्धारित रणनीति करार देते हुए कहा कि इस बार सत्तारूढ़ दल का सफाया तय है.
यह हाईकोर्ट का आदेश है
आपको बता दें कि 2016 के शिक्षक भर्ती मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने Mamata Banerjee सरकार को झटका दिया है. कोर्ट ने इस मामले में SSC भर्ती के पूरे पैनल को रद्द करते हुए शिक्षकों की भर्ती रद्द कर दी है. इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल के करीब 26 हजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. कोर्ट ने शिक्षकों को चार सप्ताह के भीतर वेतन लौटाने का आदेश दिया है. 2016 में शुरू हुई इस भर्ती के दौरान पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी थे. भर्ती को लेकर अनियमितता की शिकायतें कलकत्ता हाई कोर्ट में भी दायर की गईं.