Bihar Politics: मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने कहा कि सात निश्चय योजना के तहत 10 लाख लोगों को नौकरी देने की घोषणा पर अमल कर रहे हैं. 2008 से 2020 तक हमने आठ लाख लोगों को नौकरी दी है. 2020 के बाद पांच लाख लोगों को रोजगार दिया गया.
उन्होंने आगे कहा कि 2025 तक यह 10 लाख की सीमा को पार कर सकता है. वे न्याय के साथ सबके विकास के लिए काम कर रहे हैं. आज हर घर में बिजली है. उन्होंने मदरसे में पढ़ाने वालों को नौकरी दी. आठ हजार कब्रिस्तानों की घेराबंदी कर दी गई। चुनाव के बाद एक हजार और कब्रिस्तानों की घेराबंदी करायी जायेगी.
Nitish Kumar ने परिवारवाद पर भी बात की
मुख्यमंत्री मंगलवार को बाबूबरही में NDA प्रत्याशी रामप्रीत मंडल और सहरसा में JDU प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी परिवारवाद पर नहीं चलती है, बल्कि पूरा राज्य उनका परिवार है और परिवार के सभी सदस्य हैं.
उन्होंने कहा, जब वह (लालू यादव) जेल गये तो उन्होंने अपनी पत्नी को आगे कर दिया. उनके लिए बिहार बेटा-बेटी से बड़ा नहीं है. Congress भी परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है. विपक्ष उनके काम का श्रेय ले रहा है. कुछ दिनों के लिए ऐसे झूठे और धोखेबाजों के साथ चला गया था. अब कभी उनके साथ नहीं जाऊंगा.
2005 से पहले की सरकार का जिक्र किया
उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री Tejashwi Yadav पर भी कटाक्ष किया कि जब वे साथ थे तो गड़बड़ी करते थे. इसलिए उन्हें हटा दिया गया. मुख्यमंत्री ने 2005 से पहले की सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय लोग शाम के बाद घर से बाहर नहीं निकल पाते थे. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया, बिजली की स्थिति बदतर थी.
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू और मुसलमानों के बीच दुश्मनी चरम पर है. सरकार बनते ही इसे हटा दिया गया. साइकिल व पोशाक योजना का लाभ देकर शिक्षा के प्रति प्रेरित किया. हर पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गयी है. महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई कदम उठाए।
आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी किया गया- Nitish Kumar
उन्होंने कहा कि महिला शिक्षा में जागरूकता का ही परिणाम है कि आज प्रजनन दर 4.3 से घटकर 2.9 हो गयी है. इसे घटाकर दो फीसदी करने का लक्ष्य है. कहा कि आज एक करोड़ तीन लाख महिलाएं आजीविका से जुड़कर अपना रोजगार कर रही हैं। सात निश्चय योजना के तहत हर घर को नल का जल, गली-नाली और शौचालय उपलब्ध कराया गया।
जाति आधारित एवं आर्थिक जनगणना करायी गयी। इस आधार पर अनुसूचित जाति, जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया. आर्थिक रूप से पिछड़े 94 लाख लोगों को दो-दो लाख रुपये की सुविधा देने का काम किया जा रहा है. हम बिहार में 40 सीटें जीतने जा रहे हैं. इसलिए वे (विपक्ष) परेशान हैं.