West Bengal Lok Sabha Elections: TMC ने बढ़ती BJP के प्रति कैसे करेगी मुकाबला? बंगाल में राजनीतिक लड़ाई में दिलचस्पी

Lok Sabha Elections 2024 के लिए जोरों से प्रचार चल रहा है। राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही हैं। सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल पर टिकी हैं. यहां राजनीतिक लड़ाई दिलचस्प है और तृणमूल Congress (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) आमने-सामने हैं. राज्य में TMC सत्ता में है और BJP उसे कड़ी टक्कर दे रही है. Congress तीसरे नंबर पर है, जिसके चलते बंगाल में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. राज्य में 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में चुनाव होंगे.

TMC भ्रष्टाचार के आरोपों और आंतरिक कलह से त्रस्त है। वह विपक्षी भारतीय गठबंधन से अलग होकर अकेले दम पर चुनावी मैदान में उतर रही हैं. पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें हैं. हाल के वर्षों में यहां नाटकीय राजनीतिक बदलाव देखने को मिला है. BJP ने इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाया है, जो मुख्यमंत्री Mamata Banerjee के नेतृत्व वाली TMC का गढ़ है।

किन मुद्दों के जरिए BJP कर रही है TMC पर हमला?

2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने ममता बनर्जी को बड़ा झटका दिया और 18 सीटें जीतने में सफल रही. BJP की इस धमाकेदार एंट्री ने न सिर्फ TMC के दबदबे को चुनौती दी, बल्कि सीधे तौर पर प्रधानमंत्री Narendra Modi और Mamata Banerjee पर निशाना साधा. दोनों नेताओं के बीच कई बार जुबानी जंग भी देखने को मिली है. यह लोकसभा चुनाव BJP के लिए बंगाल के रास्ते देश के पूर्वी इलाके में अपना प्रभाव जमाने का एक और मौका है. यही वजह है कि TMC BJP पर हमलावर है और पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को पूरी तरह विफल बता रही है.

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BJP राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार और CAA जैसे मुद्दों के जरिए ममता सरकार पर हमला बोल रही है. वहीं, Congress और वामपंथी दल अपना अस्तित्व साबित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में Congress और वाम दलों का खाता भी नहीं खुला था. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में TMC ने 22 सीटें जीती थीं और TMC को दो सीटों का नुकसान हुआ था।

TMC की छवि क्यों खराब हुई?

बताया जा रहा है कि TMC वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच आंतरिक सत्ता संघर्ष से जूझ रही है और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उसकी छवि खराब हुई है. प्रत्याशी चयन को लेकर अंदरुनी कलह और असंतोष रहा है. संदेशखाली में महिलाओं ने TMC नेताओं पर यौन शोषण और जमीन हड़पने में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसे BJP हथियार बनाकर चुनाव में उनके खिलाफ इस्तेमाल कर रही है.

कहां कमजोरी महसूस कर रही है BJP?

बंगाल में BJP की स्थिति की बात करें तो 2021 विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी संगठन की स्थिति बहुत मजबूत नहीं है. पार्टी को राज्य स्तर पर मजबूत नेताओं की कमी खल रही है. उम्मीदवारों के चयन को लेकर अंदरखाने असंतोष के स्वर भी उठते रहे हैं. पार्टी का असली मुद्दा CAA के इर्द-गिर्द घूमता ध्रुवीकरण विरोधी है। वहीं, अगर वाम दलों और Congress की बात करें तो कई क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेता नहीं हैं और संगठन अपना अस्तित्व खो रहे हैं। वहीं विश्वसनीयता का मुद्दा भी बड़ा है. मतदाता उन पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. राज्य में वामपंथी दल और Congress भारत गठबंधन का हिस्सा हैं।

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